निर्गमन 24
24

वाचा की पुष्टि

 1 फिर याहवेह ने मोशेह से कहा, “तुम और अहरोन, नादाब, अबिहू और इस्राएल के सत्तर अगुवे याहवेह के पास ऊपर आकर दूर से याहवेह को दंडवत करे. 2 केवल मोशेह ही याहवेह के पास जायेंगे और कोई नहीं. अन्य लोगों में से कोई भी पास नहीं आये, अन्य कोई जन उनके साथ ऊपर न आये.”

 3 मोशेह नीचे उतर आए तथा जब उन्होंने लोगों को याहवेह द्वारा कही सब बातें बताई तब सबने एक साथ कहा कि याहवेह के कही सब बातों के अनुसार ही हम करेंगे. 4 तब मोशेह ने याहवेह की कही सब बातों को लिख लिया.

मोशेह ने सुबह जल्दी उठकर पर्वत के नीचे एक वेदी बनाई, और इस्राएल के बारह कुलों के अनुसार बारह खंभे भी खड़े किए. 5 उन्होंने इस्राएलियों में से जवानों को भेजा और उन्होंने याहवेह के लिए होम बलि तथा मेल बलि चढ़ाई. 6 मोशेह ने आधा रक्त बर्तन में रखा और आधा वेदी पर छिड़क दिया. 7 फिर मोशेह ने वाचा की किताब लेकर सबको पढ़कर सुनाया. उसे सुनकर लोगों ने कहा “हम याहवेह की सब बात मानेंगे और उसके साथ चलेंगे!”

 8 तब मोशेह ने रक्त लेकर लोगों पर छिड़का और कहा “यह उस वाचा का रक्त है, जो तुम्हारे साथ याहवेह ने बांदी हैं.”

 9 फिर मोशेह, अहरोन, नादाब तथा अबिहू और इस्राएल के सत्तर अगुवों को साथ लेकर ऊपर गए. 10 वहां उन्होंने इस्राएल के परमेश्वर का दर्शन किया. उनके पांव के नीचे आकाश के जैसा साफ़ नीलमणि था. 11 परमेश्वर ने उन लोगों पर अपना हाथ नहीं बढ़ाया. उन्होंने परमेश्वर को देखा और खाया पीया.

 12 याहवेह ने मोशेह से कहा, “तुम यहां पर्वत के ऊपर मेरे पास आओ और, मैं तुम्हें मेरे नियम और लिखी हुई पटिया दूंगा वह लेकर तुम इन सबको सिखाना.”

 13 तब मोशेह यहोशू को साथ लेकर परमेश्वर के पर्वत पर गए. 14 किंतु मोशेह ने अगुवों से कहा, “तुम लोग हमारे वापस आने तक यहीं रहना. अहरोन तथा हूर यहां तुम्हारे साथ हैं. यदि कोई विवाद हो तो उनको बताना.”

 15 यह कहकर मोशेह पर्वत पर चले गए और बादल ने पर्वत को ढक दिया. 16 सीनायी पर्वत पर याहवेह का प्रकाश छा गया. छः दिन तक बादल उस पर्वत को ढके रहा. सातवें दिन याहवेह ने बादलों के बीच से मोशेह को बुलाया. 17 इस्राएलियों को याहवेह का प्रकाश, पर्वत पर भस्म करनेवाली आग के समान दिख रहा था. 18 मोशेह पर्वत पर बादलों के बीच से होते हुए चढ़ गए और चालीस दिन और चालीस रात वहां रहे.